न डरे, वो लिखते थे बेबाक, ऐसे थे महाकवि दुष्यंत कुमार। न डरे, वो लिखते थे बेबाक, ऐसे थे महाकवि दुष्यंत कुमार।
शक्तिशाली बने रहना है तो, छोटी शक्तियों को समेट कर रखना चाहिए शक्तिशाली बने रहना है तो, छोटी शक्तियों को समेट कर रखना चाहिए
महज शब्दों का उलटफेर संयोग नहीं है... महज शब्दों का उलटफेर संयोग नहीं है...
तुम हो जीवन का हर रूप तुम हर प्यास का पानी हो। तुम हो जीवन का हर रूप तुम हर प्यास का पानी हो।
वह चीन की बड़ी दीवार में टहलने के समय या दूर से देखते हुए। वह चीन की बड़ी दीवार में टहलने के समय या दूर से देखते हुए।
कहीं मोहन बजायें बासुरियां कहीं फिर वही राधा दिवानी है। कहीं मोहन बजायें बासुरियां कहीं फिर वही राधा दिवानी है।